ये कोई कविता नहीं's image
374K

ये कोई कविता नहीं

ये कोई कविता नहीं
मेरे कलम की थोड़ी सी स्याही है
इस संसार की सचाई है
जो मेरी नजरो से मेरे जहन में उतर गई
और मेरे जहन से इस कलम में भर आई है
मैं लिखता नही कल्पनाओं को जोड़
इनसे मैं पन्ने नही भर पाता
हकीकत लिख देता हूं हूब हू
हर किसी को खुश नही कर पाता
Read More! Earn More! Learn More!