
चलो आज लिखती हूँ तुमको
चलो आज लिखती हूँ तुमको, लिखती हूँ अपनी खुशनसीबी को
लिखती हूँ तुम्हारी हर वो फिकर को, जो अपनों से दूर होकर भी अपनेपन का एहसास करती है।
चलो आज लिखती हूँ तुम्हारे उस एहसान को, जो मुझे भीड़ में भी महफूज़ होने का एहसास दिलाती है।
चलो आज लिखती हूँ तुम्हारे उस विश्वास को, जो तुम मेरे हाथ थामे मुझे आगे बढ
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