!["बिटिया" (नवगीत)'s image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40da-jayasankara-suryapratapa-sukla/navagita-1/1633707947682_08-10-2021_21-15-49-PM.png)
आंचल में.
एक कली मचलती.
बाहर आने दो मुझको मां.
सिमटी.
अपने ठांव कह रही.
भय बिसराने दो मुझको मां
गोदी में आने को आतुर.
बिटिया विनय सुनाती प्रतिदिन.
ममता की सौगंध दिला कर.
अपनी पीर जताती प्रतिदिन.
मां तुम भी तो
एक बेटी हो.
यह जतलाने
दो मुझको मां.
परा ध्वनिमयी तीव्र तरंगे.
परिचय मुझसे पूछ रही हैं.
मैं बालक हूं या कि बालिका.
चिह्न सभी वे ढूंढ रही हैं.
तुम भ
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