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मैं रेत का दरिया हूँ तू बहता हुआ पानी हैं..हम दोनों की मिलती जुलती कहानी है..
मैं रेत का दरिया हूँ तू बहता हुआ पानी हैं..
हम दोनों की मिलती जुलती कहानी है..
तू शोलो को ठंडा करती है
मेरा दिल शोलो की रवानी है
मैं रेत का दरिया..
जब क़भी तू मिलती है मुझसे अनजाने में
मैं थक सा जाता हूँ खुद को बचाने में
होता है जिक्र मेरा भी जब कोई कहता है ठहरा हुवा पानी है
मै रेत का दरिया..
आ अब हम
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