चिराग तले अंधेरा है !'s image
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चिराग तले अंधेरा है !

हर गांव से लेकर दिल्ली तक

झुग्गी बस्ती का बसेरा है

कितनी रातें काट दी मैंने

कब होने वाला सवेरा है !


किलकारी के गुंजन से लेकर

करुण भाव के रुदन तक

तिल-तिल होकर टूट रहा

ये कैसा मनुज बसेरा है

चिराग तले अंधेरा है !


किसी को लाखों का वेतन

कोई अब भी, घृणित-कृपण

समता का कानून कहां है

जिसे जो

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