![स्त्री-मेधा's image](/images/post_og.png)
हे पुरुष! तुम मत लिखना केवल
स्त्री की देह-मात्र पर कविताएँ,
नयन, मृगनयनी लिखने से पहले
झाँकना उनमें झिलमिल स्वप्न-दीप
घने केशों की चंचल लटाओं से पहले,
स्त्री की देह-मात्र पर कविताएँ,
नयन, मृगनयनी लिखने से पहले
झाँकना उनमें झिलमिल स्वप्न-दीप
घने केशों की चंचल लटाओं से पहले,
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