पृथ्वी सी स्त्री!'s image
569K

पृथ्वी सी स्त्री!

पुरुष स्त्री से अपेक्षा कर लेता है पृथ्वी समान धैर्य की,
किंतु ख़ुद नहीं बन पाता समुद्र की तरह अथाह गंभीर।
पुरुष स्त्री से अपेक्षा करता है हंस के जैसी निष्ठा की,
किंतु ख़ुद कपटी होकर भी नाम दे देता है उसे प्रेम का।
पुरुष स्त्री से कहता है कि तुम महानता की मूरत हो!
और बैठा देता है उसे उच्च स्थान पर ताकि वो
Tag: और5 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!