
सोचा ना था कभी ,
इस कदर टूट कर चाहेंगे किसी को
कि कलेजा फूट फूट कर रोएगा
चाहत तो होगी तेरी पर चाह ना सकेंगे
ये नाज़ुक सी कश्ती मेरी,
रह जायेगी बीच भंवर
इस कदर टूट कर चाहेंगे किसी को
कि कलेजा फूट फूट कर रोएगा
चाहत तो होगी तेरी पर चाह ना सकेंगे
ये नाज़ुक सी कश्ती मेरी,
रह जायेगी बीच भंवर
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