मंजिल मेरी… . दूर सही ,
राहों में भी… . शूल सही ,
पर हार मुझे… . मंजूर नहीं ,
लगे देर तो… . देर सही |
बनना है ....मुझे परवाज़ ,
दे दो मुझे ...उन्मुक्त आकाश ,
नित भरकर....ऊंची उड़ान ,
पाना है मुझे ....अपना मुकाम |
चाहे कंटक रोकें… मेरी राह ,
पर इसकी नहीं… मुझे परवाह,
कर सकती..... हर बाधा पार ,
बन के खुद.....अपना हथियार |
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