
घिर गया हूं
उदासी के जाल में
तुम्हारा प्यार ही एकमात्र दवाई है
खींच ले मुझे अंधेरे से उजाले में
उदास हूं
तुम्हारी बेरुखी से
बातें हुए भी तुमसे
अरसा हो गया
तुम कभी मेरी होगी कि नहीं
यह चिंता मेरे को खा गई
सूख गया हूं मैं कांटे की तरह
तुम्हारे प्यार में
पूछते हैं सब मुझे
तुम्हें क्या हो गया है
जानती तो सिर्फ तुम ही हो
मुझे तुमसे प्यार हो गया
सांझ होते ही
तुम्हारी ख्यालों में खो जाता हूं
मुझे चैन नहीं है&
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