
वह मासूम थी , शांत थी , सौम्य थी
सुशील थी , अति सुंदर थी
वह मायूस हो गई कपटी दुनिया में
हार रही थी जीवन
जीवन की शुरुआत में
वह डर गई थी बेदर्द दुनिया से
मुझमें उसने विश्वसनीय
दोस्त ढूंढ लिया
उसे मुझ पर विश्वास था
मैंने उसे विश्वास दिलाया ..
तुम कितनी खास हो
तुम कितनी सुंदर हो
तुम से सुंदर इस दुनिया में कोई नहीं
तुम अपने से प्यार करो
सब तुमसे प्यार करते हैं
तुम डर नहीं सकती
तुम निडर हो
तुम किताब हो
तुम कविता हो
तुम काव्य हो
तुम प्रेम हो
तुम प्रेम शास्त्र हो
तुम जीवन हो
तुम जीवन हारने वाली नहीं
तुम जीवन देने वाली हो
तुम्हें जीतना होगा प्रियसी
तुम्हें जीतना होगा
तुम हार नहीं
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