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कविता मेरी प्रियसी 'शायरी संग्रह'

"यात्रा मेरी अनवरत जारी है 

जहां तुम मिल जाओ वहीं स्टेशन है "


"आज फिर बारिश आई है 

आज फिर बिजली कड़की है

लिपट जाओ मेरे सीने से 

पगली क्यों देर करती है"

       

"आज मेरी गुड नाइट नहीं थी 

लेफ्ट में जो तुम नहीं थी"

        

"आज रात मैं सोया नहीं था 

 आज रात मैं रोया बहुत था 

 आज रात तुम याद आई थी 

 आज रात तुम याद आई थी"

 

 "मैं तुम्हें लिखना चाहता हूं 

 मैं तुम्हें जीना चाहता हूं

 मैं तुम्हें पाना चाहता हूं"


"तुम से जुड़ी हर चीज से मैं प्यार करता हूं

          क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूं"


"ढूंढ रहा था मैं तुझे जंगल में 

         छिपी बैठी थी तुम मेरे दिल में"


"झूठ से मुझे बड़ी नफरत है

      प्यार में जो तुमसे सच्चा करता हूं"


"तुम्हारे प्यार में यह क्या जादू है 

         म

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