मेरी कविता's image
345K

मेरी कविता

ओस की वह बूंद सी 

बसंत की वह बाहर सी 

फूलों का वह हार सी   

कविता है मेरी प्रियसी  

लिख रहा हूं मैं कविता 

हां 'मेरी कविता' 


परियां भी उसके सामने 

पानी भरती हैं

है वह सुंदरियों से सुंदर  

उसी के लिए लिख रहा हूं

बच्चों की वह मुस्कान सी

मां के वह प्यार सी 

बाप के वह डांट सी

कविता है मेरी प्रियसी  

लिख रहा हूं मैं कविता

हां 'मेरी कविता' 

राधा कृष्ण

Read More! Earn More! Learn More!