
पतंग हमारी कितनी प्यारी
जीवन के रंग समेटे सारी
डोर सजनी तेरे हाथों में
उड़ाना जरा संभाल के
छूट न जाए कहीं डोर तेरे हाथ से
यूं ही उड़ता रहे पतंग हमारा अभिमान से
छूना है इसे आसमान कविता हमारे प्यार में
सजना पतंग हमारी<
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