
मैं बेटी हूं
कमजोर नहीं
अपने पैरों पर खड़ी हूं
मैं जननी हूं, बहन हूं, बीवी हूं
निभाती रिश्ते आजीवन निस्वार्थ भाव से
मैं शक्ति हूं
हर रिश्ते का आधार हूं
जो मेरा सम्मान करता
जीवन में हर ऊंचाई छूता
जहां होता मेरा अनादर
सुनिश्चित उनका नाश होता
क्यों मारते मुझे कोख में?
मैं बेटी हूं
मैं कर्मठ हूं
समाज के लिए लड़ी हूं
शिक्
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