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कविता मेरी प्रियसी 'शायरी संग्रह-2'

"आज रात मैं तुम्हारे प्यार में तड़पा था

सुबह उठा तो सब लोग मुझे शायर बोल रहे थे!"

              

"आज उसकी तस्वीर सामने आ गई

आज फिर मुझे शायरी याद आ गई "


"तुम्हारे प्यार में मैं लिखता नहीं तो पागल हो जाता

 या तुम्हारे प्यार में पागल हूं इसलिए लिखता हूं "

                 

 "मैं जिसके लिए लिखता हूं 

       वह पढ़ती नहीं मेरा लिखा हुआ 

वह सिर्फ सुनती है  

       मेरी आत्मा की आवाज"

        

"उदास मत हो प्रियशी

      मेरी बाहों में आकर देख 

दुनिया कितनी हसीन है "

      

"देखो मेरी आंखों में 

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