
अब हम बड़े हो गए तब भी
बच्चों जैसी जिद है मेरी
मुझे तुम ही चाहो
कितनी प्यारी जिद है मेरी
कितना पवित्र प्यार है हमारा
मुझे एहसास होता है
मैंने बचपन तेरे साथ खेला है
तुम्हें याद होगा ना एक बार
घरघुला हमारा टूट गया था
नाक से नाक मिलाकर
एक दूसरे का सर पकड़ कर
हम फूट फूट कर रोए थे
बड़ी मुश्किल से मैंने
तुम्हें विश्वास दिलाया था कि
मैं घरघुला तुम्हारा दोबारा बना दूंगा
आज मैं वह मेरा बचपन वाला वादा
पूरा करना चाहता हूं
अब मैं वह घर हमारा दोबारा बनाना चाहता हूं
अब हम बड़े हो गए तब भी
बच्चों जैसी जिद है मेरी
मुझे तुम ही चाहो
लुका छुपी का वह खेल हमारा
आंख बंद कर भी
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