
हे दीपशिखा!
आज तूं भी मेरे संग जल!
बाती संग संग
आज ये श्रृंगार भी रहा सुलग!
पी न आए
तन्हाइयां ये काटे प्रति पल!
रात्रि गहरी
आज तूं भी मेरे संग जल!
बाती संग संग
आज ये श्रृंगार भी रहा सुलग!
पी न आए
तन्हाइयां ये काटे प्रति पल!
रात्रि गहरी
Read More! Earn More! Learn More!