
फूल दिल तक़दीर में आए बहुत
पर हमें पत्थर के मन भाए बहुत
राह के काँटों से रक्खा राबता
पाँव के छाले भी शरमाए बहुत
नक़्श देखे रोज़ उसके इक वही
आइना अपने पे
Read More! Earn More! Learn More!
फूल दिल तक़दीर में आए बहुत
पर हमें पत्थर के मन भाए बहुत
राह के काँटों से रक्खा राबता
पाँव के छाले भी शरमाए बहुत
नक़्श देखे रोज़ उसके इक वही
आइना अपने पे