अगर सिर्फ तन्हाइयो में, मै तुम्हे याद आता हूं
तुम्हारे ख़यालो पर कुछ देर छा जाता हूं
तो माफ़ करना, मै वो नहीं
अगर कुछ देर तुम्हे बहलाता हूं मै
सिर्फ कुछ हसी के पल दे जाता हूं मै
तो माफ़ करना, मै वो नहीं
नहीं वो मै जिसे तुम अपना हमदम मान सको
बेफिक्र होकर जिसका हाथ उम्रभर तुम थाम सको
जिस दिन भीड़ में भी तुम पर छा जाऊ
Read More! Earn More! Learn More!