जलहरण घनाक्षरी (सिद्धु पर व्यंग)'s image
346K

जलहरण घनाक्षरी (सिद्धु पर व्यंग)

जलहरण घनाक्षरी (सिद्धु पर व्यंग)


जब की क्रिकेट शुरु, बल्ले का था नामी गुरु,

जीभ से बै'टिंग करे, अब धुँवाधार यह।


न्योता दिया इमरान, गुरु गया पाकिस्तान,

फिर तो खिलाया गुल, वहाँ लगातार यह।


संग बैठ सेनाध्यक्ष, हुआ होगा चौड़ा वक्ष,

सब के भिगोये अक्ष, मन क्या विचार यह


बेगाने की ताजपोशी,अबदुल्ला मदहोशी, 

देश को लजाय नाचा, किस अधिकार यह।।

****************


जलहरण घनाक्षरी विधान :-


चार पदों के इस

Read More! Earn More! Learn More!