पहले भी तेरे दर्द का,
एहसास था मुझे,
आज भी उस दर्द का,
एहसास हो रहा है।
आखों में नमी थी,
उस वक्त भी मेरे,
आज भी उस नमी का,
एहसास हो रहा है।
जो खा़ब कल तेरे थे,
आज मेरी आखों में नजर आते है।
जिन एवानों को तूने बनाया था,
उनको आज हम सजाते हैं।
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