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मैं कान्हा हो चुका हूं उसका...

लगाने को तुम पर कोई कयास तक नहीं है
बुझाने को तुम्हारे पास प्यास तक नहीं हैं ,
ना तेरे पास धूप है ना ही पानी
फिर भी जी रही वह तेरी जवानी ,
ना तू हवाएं दे सकता है ना समंदर
फिर भी वह कैसे रहती है तेरे अंदर ,

हर दुआओं में मांगे जाने वाली अरदास वही है 
दि
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