![मात's image](/images/post_og.png)
किस्सों से कहानी बना सकूं
ऐसे गहरे अलफ़ाज दे तु।
ग़म तो बरसते हैं बिन मौसम ही
इस बार हंसी की बरसात दे तु।
छोड़ गये है
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ऐसे गहरे अलफ़ाज दे तु।
ग़म तो बरसते हैं बिन मौसम ही
इस बार हंसी की बरसात दे तु।
छोड़ गये है