
हजारों शर्तें उसकी
कुछ तुम्हारी मजबूरियां भी होंगी
चूमकर माथा, जिसे लगाया सीने से
उस रिश्ते में एक दिन दूरियां भी होंगी
बिस्तर पर महक न होगी उसकी
न स्याह जुल्फों का आंचल होगा
तन्हा-सर्द रातों में उस सुकूं को ढूंढ़ता
नशे में तेरा दिल भी पागल होगा
जिसकी हर गलती पर माथा चूमा था तुमने
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