
जब याद आयी बीते पल की ,नैनों से निकलने लगे पानी।
वक़्त मानो थम सा गया हो याद कर वो बीती कहानी।।
खुरेद के रख दिये सारे बिताये कुछ हसीन लम्हें।
वो बिताये कुछ अनकही खट्टी मीठी मस्ती भरी यादें।।
घर के देहरी पर बैठ कर गिनते थे तारे और निहारते थे चाँद।
बचपन में सब संग खेलते मैं भूला ना पाया अब भी वो शाम।।