
छा रहा क्षितिज में अंधकार
हो रहीं दिशा तम में विलीन
पथ हुए तमस से ओतप्रोत
शशि प्रभा हुई धूमिल मलीन
मेघों का भय से पुष्ट रोर
सुन काँप उठा हर ओर छोर
मारुत का वह भीषण प्रवाह
चल रहा ढाहते गेह-गाह
Read More! Earn More! Learn More!
छा रहा क्षितिज में अंधकार
हो रहीं दिशा तम में विलीन
पथ हुए तमस से ओतप्रोत
शशि प्रभा हुई धूमिल मलीन
मेघों का भय से पुष्ट रोर
सुन काँप उठा हर ओर छोर
मारुत का वह भीषण प्रवाह
चल रहा ढाहते गेह-गाह