
तुम रुख़सत हुए तो भला किस वास्ते
हमने अलविदा कहा भी तो किस वास्ते
नजरों में सजाया होगा किसी ने आपको
ज़रा नज़र तो आओ, इस नज़र के वास्ते
माना ग़ज़ल की तरह सुनते हैं तुम्हें लोग वहाँ
मगर एक फोन तो उठाओ, इस शायर के वास्ते
Read More! Earn More! Learn More!