हम मिले ऐसे अनजाने,अनकहे एक अलग से फसाने में।
बातें हुई, महसूस किया और एहसास इश्क़ का होने लगा।
इकरार प्यार का होते ही, मिलना मिलाना होने लगा।
दुनिया की नज़र में वो जो हम खुश दिखने लगे,
किसी की लगी नज़र हममें, हममें मन मुटाव बढ़ने लगे।
लड़ते झगड़ते थोड़ा कभी, और फिर माफ़ी की मुस्कान भी होती।
साथ रहने को एक दूजे के, कई मिलो की दूरी भी तय होती।
फिर रहने लगी दो पल की खुशी,
मगर बहने लगे कई दिनों तक आशु।
दुनिया की नज़र में वो जो हम खुश दिखने लगे,
किसी की लगी नज़र हममें, हममें मन मुटाव बढ़ने लगे।
अब फासले बढ़ते जा रहे थे।
रोकना चाहा कई बार,मगर नई रंजिसे जगह ले रही थी।
जो पसंद था एक दूजे में,शुरुवाती रिश्ते में तब,
वो कहीं न कहीं खटकती जा रही थी, बिना बातों के अब।
साथ रह कर भी साथ रहने का, कोई एहसास नहीं हो पा रहा था।
और दूर होने की वजह क्या बनती जा रही,
ये समझ नहीं आ रहा था।
और यू देखते ही देखते ........,
हम दोनों के दरमिया ,अब बहुत फासले आ गए थे।
तेरे मेरे बीच अब शायद फासले आ गए हैं।
एक दूजे से बातों के,फासले आ गए हैं।
एक दूजे को जताने के, फासले आ गए हैं।
एक दूजे को समझने के, फासले आ गए हैं।
एक दूजे के जज्बातों में, फासले आ गए हैं।
एक दूजे के एहसासों में, फासले आ गए हैं।
एक दूजे की यादों को, फासले आ गए हैं।
प्यार कितना हैं एक दूजे को, फासले आ गए हैं।
महसूस करें कैसे एक दूजे को, फासले आ गए हैं।
तेरे मेरे बीच अब शायद, फासले आ गए हैं।