बहुत उम्मीद से तुझको मैंने अपना कहा था
वो जिसने आज अपना कह दिया पहले कहाँ था|
जहाँ तुम बैठकर पानी खरचते हो
वहाँ तालाब था दरिया कहाँ था |
बहुत दिन बाद आज भीगनें का मन हुआ
ये मेरा मन
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बहुत उम्मीद से तुझको मैंने अपना कहा था
वो जिसने आज अपना कह दिया पहले कहाँ था|
जहाँ तुम बैठकर पानी खरचते हो
वहाँ तालाब था दरिया कहाँ था |
बहुत दिन बाद आज भीगनें का मन हुआ
ये मेरा मन