तड़पन's image
इक बार की थी ख़ता, आज तलक़ कर रहे हैं भरपाई,
जिसकी थी ग़लती, उसने ही है हर क़ीमत चुकाई,
अब हैं किसी ग़ैर
Read More! Earn More! Learn More!