गीत अंतिम's image
वो कहते हैं, मेरे जाने के बाद तुम भी अपना घर बसा लेना,
होगी कोई तुम्हारे भी लिए, उसके साथ सारी उम्र निभा लेना,

पर ये बात तो बताना भूल ही गए वो, एक दिल जो उनका है मेरे सीने में,
कैसे किसी और को दे दूँगा मैं, क्या तकलीफ़ ना होगी उनको जीने में,

बस यही सोचकर मैं तमाम उम्र अकेला रह गया,
देखे थे हमने मिलकर ख़्वाब कई, मेरी ही आँखों में सब अधूरा रह गया,

अब आलम ये है, हर रोज़ आँखों से मेरी आब निकलते हैं,
ज़माना कहता है, तुम्हारे आँसू बह रहे हैं, पर किसी को ख़बर तक नहीं आंसुओं के रूप में मेरे ख़्वाब निकलते हैं,

मेरी हसरतों को कोई और जी रहा है, मेरी चाहत को कोई और पी रहा है,
अब तो हाथ भी कंपकपाने लगे हैं मेरे, कुर्ता गिर गया है नीचे, मेरा ही एक हाथ दूसरे को सी रहा है,
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