विष हज़ारों पिये मैंने बस इसलिए,
हर पीर मैंने सही बस इसलिए,
है जमाना ख़राब, न छोड़ेगा उन्हें, जानकर गलतियां,
मौत अपनी ही चुन ली मैंने बस इसलिए।
कल तलक़ खाते थे क़समें हमारी बस इसलिए,
सिर्फ़ सौभाग्य कहा, न मष्तक पे सजाया हमें बस इसलिए,
मैं रूठ न जाऊं किसी बात पे, मैं रूठ न जाऊं किसी बात पे,
दुपट्टे को भी है आँचल बनाया बस इसलिए।
हर बात पे उनका हँसना बस इसलिए,
बेबात ही करते हैं रोना-धोना बस इसलिए,
जानते हैं वो मुझे, मेरी आदतों को,
मेरे होने से ही है, उनका होना बस इसलिए।
जो कहते थे/हैं, है तुमसे प्यार बस इसलिए,
हर बात पे करते थे/हैं, आंसुओं का व्यापार बस इसलिए,
इक रोज़ जब जाऊँगी छोड़कर, तुमको सदा के लिए,
यादों में भी होगा इंतजार बस इसलिए।
क्यूँ मुझे ही सताया बस इसलिए,
जानकर भी छुपाया बस इसलिए,
मेरे होते हुए भी किसी और के हो लिए,
हमने भी ख़ुद को समझाया बस इसलिए
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