ग़ज़ल's image

मेरी सारी ही ग़ज़लों को खुदाया मोतबर कर दे

कभी जो झूठ मैं लिख दूँ मुझे तू दरबदर कर दे  


लबों से कुछ न माँगू मैं मगर मुझको वो मिल जाए

दुआओं में मेरी इतना ही खुदाया तू असर कर दे 


ग़मों के रोज़ मेले  हैं  यहाँ सबकी कहानी में

जो बाँटेगा सदा खुशियाँ मुझे तू वो बशर कर दे


किसीका ऐब न देखे, न  ही ढूंढे  कमी कोई 

मेरी आँखों में या रब तू कुछ ऐसी ही नज़र कर दे

Tag: Gazal और2 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!