![कविता's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40ashutosh1801mishra/None/1643560052241_30-01-2022_21-57-22-PM.png)
यह प्रेरणा है, यह भाव है।
जीवन में लगी चोटों का, भर देता यह हर घाव है।
मानव जीवन की गाथा यह, और उसका बर्ताव है।
जेठ की तपती दुपहरी में , पीपल की शीतल छांव है।
यह प्रेम सुधा , यह रोष अनंत।
इसका ना कोई आदि ना अंत।
इसके प्रभाव से जग बदला,
बने कितने काज़ी व संत।
सुख में हो कोई या दुख में,
हर मानव मन को यह भ
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