
यह प्रेरणा है, यह भाव है।
जीवन में लगी चोटों का, भर देता यह हर घाव है।
मानव जीवन की गाथा यह, और उसका बर्ताव है।
जेठ की तपती दुपहरी में , पीपल की शीतल छांव है।
यह प्रेम सुधा , यह रोष अनंत।
इसका ना कोई आदि ना अंत।
इसके प्रभाव से जग बदला,
बने कितने काज़ी व संत।
सुख में हो कोई या दुख में,
हर मानव मन को यह भ
Read More! Earn More! Learn More!