"भारत"
भारत मानचित्र पर
मात्र भूखंड नहीं
ज्ञान ,अध्यात्म ,प्रेम से
विश्व को ज्योतिर्मय करता
सितारा अखंड है
नख- शिख सौभाग्य
से श्रृंँगारित
आदि से अनंत
दिग- दिगंत तक जीवंत
भारत हमारा है।
भारत मानचित्र पर मात्र भूखंड नहीं....
इस पुण्य धरा के लिए
तप ,त्याग, बलिदान को
हर जांँबाज है खड़ा
गांँधी, गौतम, टेरेसा की
कर्मभूमि है यह रत्नगर्भा
भाल तिलक है तिरंगा
हर बार दुश्मनों को खदेड़
हमारे रणबांँकुरे ने इतिहास रचा
शौर्य- पराक्रम की मिसाल
ये दुश्मनों के लिए अंगारा है।
भारत मानचित्र पर मात्र भूखंड नहीं....
प्रखर चैतन्यता का प्रचंड ओज
स्फुरित है कण-कण में
सूर्य का प्रथम आचमन
करती है गंगधार
संदली पवन करती मंत्रोच्चार
वेणु के वशीकरण में
रंगीन ऋतुओं से झूमता
गली,द्वार ,चौबारा है।
भारत मानचित्र पर मात्र भूखंड नहीं....
आजादी के परवाने
इस मिट्टी को चूम कर सोए हैं
कितनी माताओं ने
अपने लाल खोए हैं
सरजमीं को मुक्त कराने
स्वयं विषपान किया है
औरों की मुक्ति हेतु
अमृत का संधान किया है
मैथिली, माखनलाल, टैगोर,
सुभ