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प्रकृति की न समझ सके तो..I

प्रकृति की न समझ सके तो..I

अपनी हसरत मत कहना ..II


एक वृछ न लगा सको तो..I

ठंढ़ी छाव से मत कहना ..II


सूर्य धूप से जूझ रही हो तो ..I

छत की हालत मत कहना..II


धरती जल बिन सूख रही हो तो..I

वादल से बरसो  मत कहना ..II


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