
कुर्बानी मोहब्बत की
दे दी कुर्बानी जब मोहब्बत की
मोहब्बत को मोहब्बत के लिए
हुई जब मोहब्बत, मोहब्बत की
दिल में प्रचण्ड डाह होने लगी
सोचा था दूर जाके उससे
एक दिन तो जायेगे भूल
करी लाख कोसिस मगर
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कुर्बानी मोहब्बत की
दे दी कुर्बानी जब मोहब्बत की
मोहब्बत को मोहब्बत के लिए
हुई जब मोहब्बत, मोहब्बत की
दिल में प्रचण्ड डाह होने लगी
सोचा था दूर जाके उससे
एक दिन तो जायेगे भूल
करी लाख कोसिस मगर