![हाँ किन्नर हूँ मैं's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40ashish05shanky/None/1675666809061_06-02-2023_12-30-11-PM.png)
किन्नर....!
ईश्वर का प्रसाद हूँ मैं
पर लोगों के लिए एक अभिशाप हूँ मैं
माँ बाप का अंश हूँ मैं
पर तिरिस्कार का वंश हूँ मैं
ना महिला ना पुरुष
हाँ किन्नर हूँ मैं
जब जब खुशियां आती हैं
तब तब तालियाँ बजाई जाती हैं
पर मेरे तालियों से लोगों के मुँह बन जाता है
ना जानें क्यों पराया सा व्यवहार होता है,
हूँ तो आखिर इंसान ही ना मैं
लड़कियों सा मन है मेरा
लड़कों सा तन है मेरा
बसते हैं ह्रदय में राम हैं मेरे
फिर भी हर पल हर क्षण तिरस्कार की घूंट ही पीती मैं
तिल तिल कर जीती हूँ मैं
चंद रुपयों के बदले हम आशीर्वाद हैं देतें,
दरसल बात रुपये की नहीं है
बात तो पापी पेट की है
गर मिला होता सम्मान समाज में
या मिला होता सामन अधिकार समाज में
तो शायद आज चंद रुपयों के खातिर अपमान
ईश्वर का प्रसाद हूँ मैं
पर लोगों के लिए एक अभिशाप हूँ मैं
माँ बाप का अंश हूँ मैं
पर तिरिस्कार का वंश हूँ मैं
ना महिला ना पुरुष
हाँ किन्नर हूँ मैं
जब जब खुशियां आती हैं
तब तब तालियाँ बजाई जाती हैं
पर मेरे तालियों से लोगों के मुँह बन जाता है
ना जानें क्यों पराया सा व्यवहार होता है,
हूँ तो आखिर इंसान ही ना मैं
लड़कियों सा मन है मेरा
लड़कों सा तन है मेरा
बसते हैं ह्रदय में राम हैं मेरे
फिर भी हर पल हर क्षण तिरस्कार की घूंट ही पीती मैं
तिल तिल कर जीती हूँ मैं
चंद रुपयों के बदले हम आशीर्वाद हैं देतें,
दरसल बात रुपये की नहीं है
बात तो पापी पेट की है
गर मिला होता सम्मान समाज में
या मिला होता सामन अधिकार समाज में
तो शायद आज चंद रुपयों के खातिर अपमान
Read More! Earn More! Learn More!