![सबकी अपनी-अपनी दुनिया होती है!'s image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40ashanjal-yadav/None/IMG_20210420_233959_770_29-11-2021_11-14-41-AM.jpg)
तन्हाई भी कैसे-कैसे जीवन खोती है,
फ़िक्र हदों से ज्यादा बोझा ढ़ोती है!
कोई दर्द छिपा लेता है हंसकर भी,
कोई आंख खुशी के पल में रोती है!
वैसे तो सब प्यार बांटते रहते हैं,
राजनीति ही बीज़ विषों के ब
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तन्हाई भी कैसे-कैसे जीवन खोती है,
फ़िक्र हदों से ज्यादा बोझा ढ़ोती है!
कोई दर्द छिपा लेता है हंसकर भी,
कोई आंख खुशी के पल में रोती है!
वैसे तो सब प्यार बांटते रहते हैं,
राजनीति ही बीज़ विषों के ब