
बात चली जब वीरों की तब ,
अभिमन्यु भी आए याद ।
एक अकेले लड़ते-लड़ते ,
चक्रव्यूह को किया बर्बाद ।।
चली दिनों दिन तेज लड़ाई ,
चला किसी का नहीं उपाय ।
करें कौन बिन अर्जुन के अब ,
बड़ी समस्या रही दिखाय ।।
लेकर अपना धनुष गदा जब ,
अभिमन्यु आगे बढ़ आय ।
रोका सबने कैसे करके ,
रहा नहीं था कुछ्छ उपाय ।।
Read More! Earn More! Learn More!