![कोरा पन्ना's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40arvind-rao/None/Screenshot_20211215-135029_Gallery_15-12-2021_15-43-55-PM.jpg)
अनगिनत शब्द
जो देती रही
तुम मुझें
मैं घड़ता रहा
उनसे कविता
पिरोता रहा
तुमकों काव्य जैसा
तुम ही तो थी
मौजूद...
जैसे मेरे
मन के
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अनगिनत शब्द
जो देती रही
तुम मुझें
मैं घड़ता रहा
उनसे कविता
पिरोता रहा
तुमकों काव्य जैसा
तुम ही तो थी
मौजूद...
जैसे मेरे
मन के