
कोमल है वो पंखुड़ी सी, छू लो तो बिखर न जाए,
सपनों की वो रेशमी डोरी, जो दिल के पास सदा आए।
चाँदनी रातों में जैसे, इक मीठी सी बात हो,
शब्दों में हो सौंधी ख़ुशबू, और आँखों में बरसात हो।
सुनती है सबकी चुपचाप, पर कहती कुछ नहीं,
दर्द भी मुस्कुरा के सह ले
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