
सोचता हूं कि तुम पर एक किताब लिखूं,
सोते जागते तुझमें देखा वो ख्वाब लिखूं।
लिखूंगा कि पहले-पहल हम मिले थे जब,
जो दिल में उफनाया था वो सैलाब लिखूं।
मैं लिखूंगा कि तुम डुबो देती हो मस्ती में।
तुम एक गुलाब सी महकती हो बस्ती में।
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