रोने लगो's image

तुम उदासी को बना कर हमनफ़स रोने लगो
सोचो कोई सुन रहा है और बस, रोने लगो

मुस्कुराने की इजाज़त ही कहाँ है तुमको अब
बस यहीं तक है तुम्हारी दस्तरस, रोने लगो

जेल जैसी ज़िंदगी को भी जियो तो शान से
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