साल की बीती बातें यू तो पुरानी हो जाती हैं,
पर, आपकी यादें आज भी मेरे आँखों को नम कर जाती है।
बिछड़ गए हम..क्या करें? यही था किस्मत को मंज़ूर,
काश भगवान के दर पर होता पल भर मिलने का दस्तूर।
चुभन यही है मेरे दिल को कि, आप पास नहीं,
रहे साया पापा का हमेशा, किस बेटी का यह अरमान नहीं?
क्या करूं ऐसा जिससे मेरा दिल हल्का हो जाए,
बस यही सोच थी मेरी के मेरी रूह भी आपकी तरफ विदा
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