
जीवन का सफर यूँ बीत जाता है,
हर वक़्त मौसम कुछ बदला बदला सा नजर आता है |
कभी बारिश की बूंद आंखों का हाल सुनाती है,
कभी तेज लहरें जिंदगी झुंझला देती है |
कभी कङकङाती ठंड में दुबक के रहना पड़ता है,
हर धूप, भूकंप, सूखा सहना पड़ता है |
गर्मी में ठंडी हवा सुकून पहुँचाती है,
बारिश से बच निकलने का काम एक मामूली छतरी कर डालती है
जीवन की घड़ी मौसमों से तय होती है,
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