
एक शाम दोस्तों के नाम
बैठे हैं दिल के खास सब मेरे यार यहाँ।
आज फिर वो शाम लौट कर आयी है।।
धीमी सी हो चली थी जिंदगी की रफ़्तार।
इस शाम ने फिर से महफ़िल में रौनक जमाई है।।...१
आज फिर सब ने एक दूसरे हँसी उड़ाई ।
पर बात यहाँ एक दूजे के दिल पर नहीं आयी है ।।
चेहरे में कहीं खोयी थी मुस्कान फिर हँसी बन समांई है।
एक दूसरे के साथ की वक्त ने फिर से गुजांइश दोहराई है।।...२
आज फिर सोचा दिल ने वक्त की रफ़्तार थामने को।
लगता है जैसे वक्त ने तो अपनी रफ़्तार बड़ाई है।।
लम्हा ये साथ होने का कुछ यु तेजी सी गुज़रा।
आज फिर मुलाकात में वक्त की कमी नज़र आयी है।।...३
कहने को यु कहो तो बहुत कुछ है।
पर कहने लायक कोई खास ब
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