
अरसे बाद अपने गॉव कि तरफ,
एक बार फिर लौट आया हूँ मै,
फिर वही खेतो की हरियालियो के बीच,
अंकुरित गेहुँओ कि बालियो में, सरसों के फूलों कि तरह
एक बार फिर लौट आया हूँ मैं,
गॉव कि छोटी सड़को पर,
दौड़ते साइकिलो कि रफ्तारो मे,
चौराहे के नुक्कड़ पर खड़े होकर,
दोस्तों संग ग
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