काश मेरी फिर वही पुरानी, रात आ जाए
वो मोहब्बत वाली लबों पे, बात आ जाए
अब तो हम,खुदको भी नहीं पहचान पाते
तुम कोशिश करो, तो कुछ याद आ जाए
अक्सर, घुटनों पर गिर जाती है मोहब्बत
जो इश्क़ के बीच में अगर,जात आ जाए
मोहब्बत साथ में थी, तो सर झुका लिया
अकेले में हो जिसकी औकात, आ जाए
यारो उस वक्त उठाना, तुम मेरा ज़नाज़ा
जब उसके दरवाज़े पर, बारात आ ज
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